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Posted on 17/09/2025

ताऊ देवीलाल राजकीय महिला महाविद्यालय,मुरथल में प्राचार्या डॉक्टर सीमा ठाकरान की अध्यक्षता में 16 सितंबर 2025 को "विश्व ओजोन दिवस" का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।कार्यक्रम का संयोजन भूगोल विभाग और महत्वपूर्ण दिवस समिति के संयुक्त प्रयास के द्वारा किया गया। प्राचार्या डॉ सीमा ठाकरान ने बताया कि इस दिवस का नारा, 'जीवन के लिए ओज़ोन', हमें याद दिलाता है कि ओज़ोन न केवल पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए ओज़ोन परत की रक्षा करते रहना चाहिए।कार्यक्रम की संयोजिका संगीता, प्रभारी, महत्वपूर्ण दिवस समिति, ने बताया कि हर साल ओजोन परत के संरक्षण के लिए एक अलग थीम तैयार करके लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है। विश्व ओजोन दिवस 2025 की थीम 'विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक' (From Science to Global Action) है। इस महत्वपूर्ण दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन करवाया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉक्टर विकास मलिक,सहायक प्राध्यापक भूगोल विभाग ने इस दिवस के बारे में प्रभावपूर्ण और महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि वायुमंडल में ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावाइलट किरणों से पृथ्वी को बचाती हैं। सूर्य से निकलने वाली ये किरणें त्वचा रोग समेत कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो ओजोन की परत के बिना पृथ्वी पर जीवन मुमकिन नहीं होता।ओजोन परत को बचाने के लिए सीएफ़सी (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) और अन्य हानिकारक गैसों का उपयोग बंद करना, वाहनों का कम उपयोग करना, वृक्षारोपण को बढ़ावा देना, ओजोन-सुरक्षित उत्पादों का इस्तेमाल करना, और रेफ्रिजरेटर व एयर कंडीशनर का सही रखरखाव करना आवश्यक है।इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक और रबर जलाने से बचना, स्थानीय उत्पादों को खरीदना और नागरिक समाज के माध्यम से जन जागरूकता फैलाना भी महत्वपूर्ण है। डॉ संदीप दहिया, प्रभारी, भूगोल विभाग ने ओजोन दिवस को अधिक सार्थक और उपयोगी बनाने के लिए महाविद्यालय प्रांगण में जामुन, नीम, आम के पौधे लगवाकर छात्राओं को जागरूक किया और बताया कि वृक्षारोपण अप्रत्यक्ष रूप से ओजोन परत संरक्षण में योगदान कर सकता है क्योंकि यह वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को कम करता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से ओजोन-क्षयकारी पदार्थों के प्रभाव को कम कर सकता है और पर्यावरण को स्वस्थ बना सकता है. । कार्यक्रम का समापन वृक्षारोपण द्वारा किया गया। मंच संचालन डॉ अजय दहिया, सहायक प्राध्यापक, भूगोल विभाग के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक सुश्री कोमल, डॉ पूनम मालिक, श्री नवीन निर्मल, सुश्री अंकित, सुश्री कमला उपस्थित रहे।